Friday, 05 Jan 2024
व्यक्ति का जीवन सुखों में या दुखों के साथ व्यतीत होगा, यह कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। ग्रहों की अच्छी स्थिति और ग्रहों का आपसी संबंध राजयोग जैसा फल देता है।
अन्य ग्रहों के साथ ही कुंडली में राहु-केतु का भी अधिक महत्व है। ज्योतिष में बताया गया है कि राहु शनि की तरह और केतु मंगल की तरह काम करता है।
राहु किसी व्यक्ति को वैभव से ओतप्रोत कर सकता है, तो वहीं वह किसी अन्य ग्रह के साथ बैठ जाएं तो कई प्रकार से लाभ और हानि देता है।
आइए जानते हैं कि राहु मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि के साथ होने से व्यक्ति को क्या फल प्राप्त होता है। ताकि आप भी ग्रहों से संबंधित विषय के बारे में अवगत हो सकें।
राहु और बुध ग्रह की युति होने पर व्यक्ति अत्यधिक चालाक और कूटनीतिज्ञ बन जाता है। यदि इसी में अशुभ प्रभाव कुछ अधिक हो जाए। तो व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर झूठ बोलता है और लंबी लंबी डींगें मारने लगता है।
राहु और मंगल की युति का प्रभाव कुंडली के चौथे स्थान में है, तो व्यक्ति को सदैव वास्तुदोष युक्त स्थान ही प्राप्त होता है। पांचवें स्थान पर यही राहु और मंगल एक साथ हो जाए, तो संतान के लिए क्षय का योग बनाती है।
राहु गुरु के साथ मिल जाए तो चांडाल योग बन जाता है। इससे संतान चिंता और जीवन में एकदम से उत्थान और पतन की स्थिति बनी रहती है।
व्यक्ति को कोई सही दिशा न मिले तो इस योग के प्रभाव से ज्ञान का गलत प्रयोग भी कर सकता है, जो भविष्य में नुकसानदेह साबित होता है।
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