Wednesday, 04 Oct 2023
शारदीय नवरात्र का आरंभ इस बार 15 अक्टूबर से हो रहा है और सभी लोगों के घर में पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
नवरात्रि में मां भगवती की पूजा से जुड़े कुछ नियम आज हम आपको बता रहे हैं।
कभी कभी हम अपनी पूजा में ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे हमारी पूजा निष्फल हो जाती है। लाख कोशिशों के बाद भी हमें उस पूजा का फल नहीं मिल पाता है।
हमें नवरात्र की पूजा से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए तभी हमारी पूजा पूर्ण रूप से फलित होगी।
अगर आप नवरात्र का व्रत रखते हैं तो ध्यान रखें कि व्रत के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करें। अगर आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो आप विधिवत पूजा भी कर सकते हैं।
अगर आपका स्वास्थ्य आपका साथ दे रहा है तभी आप व्रत रखें।
नवरात्री में देवी दुर्गा को तुलसी या दूर्वा घास अर्पित न करें इस बात का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए।
नवरात्र पूजन में प्रयोग में लाए जाने वाले रोली या कुमकुम से पूजन स्थल के दरवाजे के दोनों ओर स्वास्तिक बनाया जाना शुभ रहता है।
नवरात्र के दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ ज़रूर करें। पाठ के साथ कवच, कीलक अर्गला का पाठ भी जरूर करना चाहिए।
अगर 1 से 13 अध्याय का पाठ हर दिन नहीं पाए तो हर दिन एक-एक चरित्र का पाठ करें। सप्तशती को 3 चरित्र में बांटा गया है प्रथम, मध्यमा और उत्तम।
नवरात्र में नौ कन्याओं को भोजन जरूर कराएं। नौ कन्याओं को नवदुर्गा मानकर पूजन करें।
बेहतर होगा कि नियमित एक कन्या को भोजन कराएं और अंतिम दिन भोजन के बाद उस कन्या को वस्त्र, फल, श्रृंगार सामग्री देकर विदा करें।
नवरात्र के भोग में मां दुर्गा को रोजाना फल जरूर अर्पित करें। इन फलों को भोग लगाने के बाद कन्याओं में बांट दें।
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