Monday, 24 Apr 2023
लोग घर में ही मंदिर बनाकर, उसमें भगवान की स्थापना कर पूजा करते हैं. हालांकि, कई लोग इस दौरान नियमों का पालन नहीं करते, जिस वजह से उनको पूजा का फल तो नहीं मिलता, साथ ही कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. घर के मंदिर में कुछ देवी-देवताओं की प्रतिमा या मूर्ति नहीं लगानी चाहिए. इनकी पूजा बाहर के मंदिर में ही करना सही रहता है.
शनि देव को न्याय के देवता और कर्म फलदाता के रूप में भी जाना जाता है. कहते हैं कि शनि की क्रूर दृष्टि किसी को भी बर्बाद कर देती है. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की मूर्ति को घर में स्थापित नहीं करना चाहिए.
हिंदू धर्म में महाकाली को मां पार्वती का ही रूप माना गया है. कहते हैं कि मां पार्वती का महाकाली रूप बेहद विकराल है. घर में इस तरह की प्रतिमा लगाने से घर में नाकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. ऐसे में अगर घर में महाकाली की प्रतिमा न ही लगाएं तो बेहतर होगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भैरवनाथ को काल भैरव के नाम से भी जाना जाता है. ये भगावन शिव के रौद्र अवतार माने जाते हैं. कहते हैं कि इनकी पूजा घर के बाहर ही करनी चाहिए. मान्यता है कि घर में इनकी कोई भी प्रतिमा या मूर्ति लगाने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं, जिसका प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर देखने को मिलता है.
ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह माना जाता है. इनकी पूजा ग्रहों के रूप में की जाती है. शास्त्रों के अनुसार ये राक्षस था, तो अमृत पीकर अमर हो गए था. जब भगवान विष्णु ने इनकी गर्दन काटी तो ये दो भागों में बंट गया. बता दें कि इस राक्षस का सिर राहु और धड़ केतु कहलाया. इनकी प्रतिमा को घर के बाहर रखा जा सकता है, लेकिन घर के अंदर बिल्कुल स्थान न दें.
क्रोधित महादेव की प्रतिमा को घर में रखना अच्छा नहीं माना जाता. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. मूर्ति या फोटो में शिव जी शांत या ध्यान मुद्रा में हो तो अचछा माना जाता है
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